Pages

Thursday, December 30, 2010

Woh Jindagi hain meri Bebasi

मुकेश...दर्द...तन्हाई...अकेलापन...
अपना कोई न था...अपना कोई नहीं...ईस दुनियामे हाय...
वो जिंदगी हैं मेरी बेबसी...

No comments:

Post a Comment