मुकेश की आवाज में जो दर्द हैं...उसे सुनना नहीं...महसूस करना हैं...
दर्द एक ऐसा एहसास हैं जो सब सुन सकते हैं...
लेकिन बहोत कम महसूस कर सकते हैं...
जिसने मुकेश की दर्द भरी आवाज को सह लिया...
मानो संसार के सारे दुःख दर्द को करीब से देख लिया...
जो ईस दर्द भरी आवाज को सुन न सका...
मानो वो जिंदगी के एक पहलू से मुकर गया...
No comments:
Post a Comment