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Tuesday, January 4, 2011

Aaya hain muze fir Yad wo Jalim

मुकेश...दर्द...
आया हैं मुझे फिर याद वो जालिम...गुजरा जमाना बचपन का...
हाय रे अकेले भूल ना जाना...यद् ना आना बचपन का...
आया हैं मुझे फिर याद वो जालिम...

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